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महिला सुरक्षा

जिला अधिकारी नैनीताल द्वारा जनपद में एक नई पहल की शुरुआत की गई है, जिसकी शुरुआत हल्द्वानी से हुई। इस पहल के तहत महिला अधिकारियों की एक टीम बनाई गई, जिसने छोटे बच्चों, कॉलेज जाने वाली छात्राओं और अन्य महिलाओं से बात की। बातचीत के दौरान उन्होंने महिलाओं और लड़कियों द्वारा सामना की जा रही समस्याओं की पहचान की, जैसे- छेड़खानी, दुष्कर्म, सड़क किनारे की परेशानियां, और अंधेरी सड़कों पर असुरक्षा का माहौल। महिला अधिकारियों द्वारा तैयार की गई इस रिपोर्ट को नगर निगम को सौंपा गया। रिपोर्ट के आधार पर, जिन स्थानों पर अंधेरा था और महिलाओं को असुरक्षित महसूस हो रहा था, वहां नगर निगम ने स्ट्रीट लाइट लगवाई। इस तरह 160 ऐसे स्थानों की पहचान की गई जहां सुधार की जरूरत थी। इस पहल का उद्देश्य महिलाओं और बच्चों के लिए एक सुरक्षित वातावरण बनाना है, ताकि वे बिना किसी डर के अपने दैनिक कार्यों को पूरा कर सकें। यह कदम महिलाओं की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण प्रयास साबित हो रहा है।

जन समाधान दिवस

नगर निगम हल्द्वानी में 7 वार्डों में "जन समाधान" शिविर का आयोजन किया जा रहा है। इस शिविर में सभी विभागों के अधिकारी उपस्थित हो रहे हैं, जिनमें जल निगम, विद्युत विभाग, लोक निर्माण विभाग (PWD), जल संस्थान, ईडीपी (इलेक्ट्रॉनिक डेटा प्रोसेसिंग), और एचपीसीएल (हिंदुस्तान पेट्रोलियम) शामिल हैं। शिविर में लोगों की सभी शिकायतों को दर्ज किया जा रहा है और उनकी समस्याओं का समाधान किया जा रहा है या उनका हल निकालने के लिए योजनाएं बनाई जा रही हैं। शिविर के बाद शाम को चौपाल लगाई जा रही है, जहां सड़कें और स्ट्रीट लाइट्स सही ढंग से काम कर रही हैं या नहीं, इसका औचक निरीक्षण किया जा रहा है। इस पहल को "सरकार जनता के द्वार" के रूप में जाना जा रहा है। इसके अतिरिक्त, "जन समाधान दिवस" का आयोजन जिला अधिकारी द्वारा किया जा रहा है। शिविर के आयोजन से पहले इसकी तारीख और स्थान की जानकारी दी जा रही है, ताकि नागरिक समय पर पहुंचकर अपनी समस्याओं को साझा कर सकें। यह प्रयास नागरिकों की शिकायतों को सुनने और समाधान करने के उद्देश्य से किया जा रहा है, जिससे जनता और प्रशासन के बीच बेहतर संवाद स्थापित हो सके।

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दगड़ू बैणी सेना

दगड़ू बैनी सेना, बैनी सेना का एक हिस्सा है, जिसका उद्देश्य हल्द्वानी शहर में छोटे व्यवसायों (लघु व्यवसाय) से फेरी व्यापार शुल्क (फेरी व्यवसाय से लिया जाने वाला शुल्क) को संगठित तरीके से संग्रहित करना है। हल्द्वानी की बढ़ती जनसंख्या और फेरी वालों की संख्या में वृद्धि के कारण यह कार्य चुनौतीपूर्ण हो गया था। नगर निगम इस शुल्क का संग्रह करता है, लेकिन प्रभावी प्रबंधन और संग्रहण के लिए 1 अक्टूबर 2024 से *डगरू बैनी सेना* की स्थापना की गई। इस सेना ने पहले ही महीने में 20 लाख रुपये का शुल्क संग्रह कर यह साबित कर दिया कि उनका कार्य कितना प्रभावशाली और संगठित है। दगड़ू बैनी सेना न केवल शुल्क संग्रह कर रही है, बल्कि वे शहर की हर गली में जाकर यह जानकारी भी नगर निगम को उपलब्ध करवा रहे हैं कि: 1. कौन-कौन फेरी व्यवसाय कर रहा है। 2. वे किस प्रकार का व्यवसाय चला रहे हैं। 3. वे कचरा फैला रहे हैं या नहीं। 4. उनके पास क्या-क्या शिकायतें हैं। दगड़ू बैनी सेना नगर निगम और फेरी व्यापारियों के बीच एक सेतु के रूप में कार्य कर रही है। यह पहल न केवल राजस्व संग्रहण में सहायक है, बल्कि शहर की स्वच्छता और व्यवस्थित व्यापारिक गतिविधियों को सुनिश्चित करने में भी अहम भूमिका निभा रही है। इस प्रयास से हल्द्वानी नगर निगम को बेहतर जानकारी और संसाधनों के साथ शहर को प्रगतिशील बनाने का अवसर मिल रहा है।

बैणी सेना

नगर निगम को उपयोगकर्ता शुल्क संग्रह में समस्या का सामना करना पड़ रहा था। नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय ने वर्ष 2022-23 में "बैनी सेना" की शुरुआत की, ताकि उपयोगकर्ता शुल्क एकत्र किया जा सके। बैनी का अर्थ होता है "बहन।" इस योजना के तहत, बैनी सेना में काम करने वाली महिलाओं को एकत्रित शेष राशि का 25% हिस्सा दिया जाता है। पहले उपयोगकर्ता शुल्क के रूप में केवल 3 से 4 लाख रुपये ही एकत्र किए जाते थे, लेकिन बैनी सेना की शुरुआत के बाद यह राशि बढ़कर 35 से 36 लाख रुपये तक पहुंच गई। बैनी सेना न केवल शुल्क संग्रह करती है, बल्कि लोगों के बीच संदेश पहुंचाने का भी काम करती है। ये महिलाएं घर-घर जाकर स्वच्छता और मतदान जैसे अभियानों के बारे में जागरूकता फैलाती हैं। इसके साथ ही, बैनी सेना शिकायतें भी एकत्र करती है, जैसे कि कचरा संग्रहण वाहन आ रहा है या नहीं। यह पहल न केवल राजस्व संग्रहण में सुधार कर रही है, बल्कि स्वच्छता और जागरूकता के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रही है।

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