जन्‍म-मृत्‍यु का पंजीकरण

परिवार में किसी शिशु के जन्म या किसी सदस्य की मृत्यु होने पर, इसकी सूचना नगर निगम के रजिस्ट्रार कार्यालय को देकर पंजीकरण कराना आवश्यक होता है। जन्म और मृत्यु का पंजीकरण कानून के अनुसार अनिवार्य है, ताकि सरकारी रिकॉर्ड में इसे दर्ज किया जा सके और संबंधित प्रमाणपत्र प्राप्त किया जा सके। इस प्रक्रिया के माध्यम से नागरिक अधिकार सुनिश्चित होते हैं और विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ उठाया जा सकता है।

जन्‍म एवं मृत्‍यु पंजीकरण का महत्‍व
  • जन्म और मृत्यु का पंजीकरण समाज और देश के आर्थिक एवं सामाजिक विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। पंजीकरण से प्राप्त आंकड़े नीतियों के निर्माण और सरकारी योजनाओं की योजना प्रक्रिया में सहायक होते हैं। यह जानकारी स्वास्थ्य, शिक्षा, और जनसंख्या से संबंधित विभिन्न क्षेत्रों में नीति निर्धारण के लिए आधार प्रदान करती है, जिससे समाज के सभी वर्गों को बेहतर सेवाएं और संसाधन मिल सकें।
  • देश और प्रदेश की योजनाओं, जैसे कि शिक्षण संस्थान स्थापित करने, पेयजल उपलब्ध कराने, और विद्युतीकरण जैसी बुनियादी सुविधाओं के निर्माण एवं क्रियान्वयन के लिए जन्म और मृत्यु के आंकड़ों का उपयोग किया जाता है। इन आंकड़ों के माध्यम से सरकार यह सुनिश्चित करती है कि संसाधन और सुविधाएं सही स्थानों पर और सही मात्रा में प्रदान की जाएं, जिससे योजनाओं का प्रभावी ढंग से कार्यान्वयन हो सके।
  • जन्म दर का उपयोग परिवार कल्याण कार्यक्रमों के लिए किया जाता है, जबकि मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर का उपयोग स्वास्थ्य और चिकित्सा सेवाओं के विस्तार के लिए किया जाता है। मृत्यु के कारणों का विश्लेषण करने से हमें विभिन्न बीमारियों की प्रवृत्ति और क्षेत्र विशेष में किस बीमारी का अधिक प्रकोप है, इस संबंध में जानकारी मिलती है। इस जानकारी के आधार पर चिकित्सा सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाती है, ताकि क्षेत्र की स्वास्थ्य आवश्यकताओं के अनुसार सेवाओं का उचित प्रावधान किया जा सके।
जन्‍म प्रमाण-पत्र के लाभ

जन्म प्रमाण पत्र का इस्तेमाल

  • विद्यालय में प्रवेश हेतु,
  • ड्राईविंग लाईसेन्‍स लेने के लिये,
  • पासपोर्ट पाने के लिये,
  • बीमा पॉलिसी लेने के लिये,
  • राशन कार्ड में नाम दर्ज करवाने के लिए,
  • सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ लेने के लिए कर सकते है।
मृत्‍यु प्रमाण-पत्र के लाभ

मृत्यु प्रमाण पत्र का इस्तेमाल

  • सम्‍पति के उतराधिकारी के लिए,
  • पेंशन एवं बीमा आदि के मामलों को निपटाने के लिए,
  • सम्‍पति दावों को निपटाने के लिए,
  • भूमि के नामान्‍तरण के लिए किया जा सकता है।
जन्‍म व मृत्‍यु पंजीकरण कैसे करवायें?

जन्‍म-मृत्‍यु पंजीयक कार्यालय में जन्‍म-मृत्‍यु की सूचना घटना घटित होने के 21 दिवस की अवधि में परिवार के सदस्‍य या नजदीकी रिश्‍तेदार द्वारा प्रपत्र-1 में (जन्‍म की सूचना) एवं प्रपत्र-2 में (मृत्‍यु की सूचना) भरकर देने पर जन्‍म-मृत्‍यु प्रमाण-पत्र निःशुल्‍क प्राप्‍त किया जा सकता है।